HELPING THE OTHERS REALIZE THE ADVANTAGES OF HINDI KAHANI

Helping The others Realize The Advantages Of hindi kahani

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hindi kahani

खरगोश को देखकर सिंह ने क्रोध से लाल-लाल आँखे करके गरजकर कहा- ”अरे खरगोश, एक तो तू छोटा हैं और इतनी देर लगाकर आया हैं, आज तुझे मारकर कल जंगल के सारे पशुओ की जान ले लूँगा.

और ये तो पराए मर्द के साथ मजे ले रही हैं.

महात्मा जी की बात सुनकर दोनों भाई बड़े लज्जित हुए और महात्मा जी के चरणों में गिर पड़े.

समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ

...... कल की छुट्टी है.......कल की छुट्टी है........ ...

अगले दिन भी सेठ लड़के की उस बात को नही भूल पाया, उसने तुरंत लड़के को बुलाया और कल रात के स्वप्न की बात फिर पूछी- लड़का इस बार भी वह बात टाल गया.

कुरज को हिंदी भाषा में सारस भी कहा जाता हैं, कुरज से जुड़े राजस्थान में कई लोकगीत बहुत प्रसिद्ध हैं

किन्तु मृत्य के भय से उनके पैर नही उठ रहे थे, मौत की घड़ियों को कुछ समय टालने के लिए इधर-उधर भटकता रहा.

तीनो ने पूरी बात बुड्ढ़े को बताई, वह बुड्ढा बोला- अरे, बस इतनी सी बात बड़ा आसान उपाय हैं.

सब कुछ बदला बदला था. वह सोच रहे थे कि मैं रास्ता भूलकर पुनः द्वारका तो नहीं आ गया.

....!! सुहाना सफर..........!!!!!!! काफीं अच्छा सांग हैं ना मुझें भीं बेहद पसंद हैं खासकर ...

दोनों संदीपन गुरु के आश्रम में पढ़ते थे. दोनों में प्रगाढ़ मित्रता थी. एक बार गुरुमाता ने उनको वन से लकड़ी लाने भेजा.

बहुत निहोरे किये तब भी वह न माना. कुछ देर बाद सामने के एक बिल से उन्दरा निकला. कुरज ने अपनी विवशता के मारे छटपटाते हुए, करुण स्वर में विनती की.

दोनों महात्मा जी के चरणों में गिरकर अपनी गलती की क्षमा मांगी. उसी दिन से सबके साथ प्रेम का व्यवहार करते हुए अपने समय को भजन भक्ति में लगाते हुए अपने जीवन सफल करने लगे.

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